भारतीय ज्योतिष में शनि ग्रह का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। बहुत से लोग यह सवाल पूछते हैं कि कैसे पता चले कि शनि हमारी कुंडली में अच्छा है या खराब? शनि का शुभ या अशुभ प्रभाव पहचानना कठिन नहीं है। अगर जीवन में कुछ विशेष संकेत मिल रहे हैं, तो यह इस ओर इशारा कर सकते हैं कि शनि आपकी कुंडली में अशुभ परिणाम दे रहा है।

शनि के अशुभ होने के संकेत

शनि यदि कुंडली में अशुभ स्थिति में होता है, तो यह चार मुख्य कारणों से जीवन में बाधा उत्पन्न करता है:

1. अनुशासन का टूटना

शनि अनुशासन और नियमों का ग्रह है। यदि आपकी लाइफ में डिसिप्लिन का अभाव है, समय का पालन नहीं कर पा रहे हैं, या जिम्मेदारियों से बच रहे हैं, तो यह शनि की कमजोरी का संकेत हो सकता है।

2. कार्यों में देरी

शनि जब अशुभ होता है, तो आपके काम लंबे खिंच जाते हैं। जैसे अगर सुबह 9 बजे की मीटिंग तय थी, पर वह दोपहर 2 बजे हो, तो यह देरी शनि का असर है।

3. थर्ड पार्टी इंटरफेरेंस

आप जो भी काम करने की कोशिश करते हैं, उसमें किसी न किसी तीसरे व्यक्ति का दखल ज़रूर हो जाता है। यह भी अशुभ शनि का संकेत है।

4. विशेष आकर्षण और आदतें

  • यदि आपको काले और नीले रंग के कपड़े बहुत आकर्षित करते हैं।

  • अगर आप शनिवार के दिन शराब का सेवन करते हैं, तो शनि का सबसे बड़ा नुकसान यहीं से शुरू होता है। शनिवार को शराब पीना शनि की अशुभता को और बढ़ा देता है।

शनि को शुभ कैसे बनाएं?

  • अपने जीवन में अनुशासन और नियमितता लाएं।

  • शनिवार के दिन शराब और नशे से दूर रहें।

  • काले और नीले रंग के अत्यधिक आकर्षण से बचें।

  • शनि की शांति के लिए दान और सेवा को अपनाएं।

निष्कर्ष

 

शनि कोई शत्रु ग्रह नहीं है। यह आपके जीवन को अनुशासन, धैर्य और स्थिरता सिखाने के लिए है। यदि आप इसके नियमों का पालन करते हैं और जीवन में जिम्मेदारी से कार्य करते हैं, तो शनि शुभ परिणाम देता है और सफलता, स्थिरता एवं सम्मान प्रदान करता है।

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